Breaking News

संसदीय समिति ने हिंद महासागर में चीन की रणनीति को लेकर भारत के राष्ट्रीय हितों पर खतरा जताया

विदेश मामलों की संसदीय समिति ने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की बढ़ती उपस्थिति और प्रभाव पर चिंता जताते हुए कहा कि यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापक रणनीतिक हितों के लिए जोखिम पैदा करता है।

रिपोर्ट में चीन-पाकिस्तान नौसैनिक गठजोड़ के मजबूत होने को भी समान रूप से चिंता का विषय बताया गया है। समिति का मानना है कि इन घटनाक्रमों पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि इनमें क्षेत्र में शक्ति संतुलन बदलने, भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को चुनौती देने और प्रमुख समुद्री अवरोध बिंदुओं पर उसके प्रभाव को कम करने की क्षमता है।

हिंद महासागर में दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी रहती है, जो करीब 35 तटीय राज्यों में फैली है। भारत की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा और 1,300 से अधिक द्वीप इस क्षेत्र के महत्व को और बढ़ा देते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के लिए रणनीतिक चुनौतियों में समुद्री यातायात, समुद्री डकैती, आतंकवाद, नौवहन और हवाई उड़ानों की स्वतंत्रता से जुड़ी चिंताएं, साथ ही संप्रभुता और स्वतंत्रता की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में चीन का पैर जमाना भी एक बड़ी चुनौती है।

चीन की बढ़ी हुई नौसैनिक क्षमताएं, जिनमें हर साल 15 से अधिक नई इकाइयां शामिल हो रही हैं, अब अमेरिकी नौसेना से भी आगे निकल चुकी हैं, जिससे वह दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बन गई है।

About SFT-ADMIN

Check Also

भारत-रूस के बीच हुए RELOS समझौते में 3,000 जवान, 3 युद्धपोत और 10 विमान का क्या रोल? समझिए।

    भारत और रुस के बीच हुए सैन्य समझौते के तहत दोनों देश एक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *