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म्यांमार में भूकंप पीड़ितों की मदद पर संयुक्त राष्ट्र ने की भारत की सराहना, कहा ऐसा कि हर भारतीय को होगा गर्व

 

(म्यांमार): म्यांमार भूकंप पीड़ितों की बढ़चढ़कर मदद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने भारत की जमकर सराहना की है। यूएन के एक अधिकारी ने कहा है कि म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानवीय सहायता प्रदान करने में भारत एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है, जिसने त्वरित और पर्याप्त सहायता प्रदान कर राहत प्रयासों को मजबूत किया है। म्यांमार में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) के प्रमुख सज्जाद मोहम्मद साजिद ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत संसाधनों की तीव्र तैनाती के लिए भारत की प्रशंसा की, जिसके तहत आपदा के कुछ दिनों के भीतर खाद्य, चिकित्सा आपूर्ति और फील्ड अस्पताल सहायता सहित 1,000 मीट्रिक टन से अधिक मानवीय सहायता पहुंचाई गई।

 

बता दें कि म्यांमार में 28 मार्च को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। साजिद ने कहा, ‘‘संसाधनों और सुविधाओं की शीघ्र तैनाती से बहुत से लोगों को मदद मिली, विशेष रूप से मांडले के शहरी क्षेत्रों में।’’ उन्होंने उल्लेख किया कि भारत ने सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों की सहायता के लिए 200 सदस्यीय खोज एवं बचाव दल और चिकित्साकर्मियों को भी भेजा है। साजिद ने कहा कि मांडले में एक फील्ड अस्पताल की स्थापना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई स्थानीय अस्पताल और ऑपरेशन थिएटर अब भी बंद पड़े हैं तथा ट्रॉमा देखभाल बहुत सीमित है। उन्होंने कहा, ‘‘यह फील्ड अस्पताल ऐसी स्थिति में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जहां बुनियादी ढांचा अब भी उबरने की कोशिश कर रहा है।’’

मांडले में हुई थी भीषण तबाही

भूकंप का केन्द्र मांडले के निकट था। इससे म्यांमार में भारी तबाही हुई है। नवीनतम खबरों के अनुसार, कम से कम 3,500 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, 5,000 लोग घायल हुए हैं तथा 200 लोग अभी भी लापता हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का अनुमान है कि एक करोड़ 70 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 90 लोगों ने सबसे तीव्र भूकंप का अनुभव किया। इस आपदा से म्यांमा के 330 नगरों में से 58 में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। इससे आंतरिक संघर्ष और क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों तथा हवाई अड्डों जैसी रसद संबंधी बाधाओं से उत्पन्न मौजूदा चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं।

भारत को उसकी भूमिका के लिए हमेशा किया जाएगा याद

साजिद ने ओसीएचए और भारतीय प्राधिकारियों के बीच जारी समन्वय पर प्रकाश डाला, जिसमें भारतीय दूतावास के साथ सीधा संपर्क और मानवीय दाता समूह के माध्यम से नियमित परामर्श शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत सहित सदस्य देशों के संपर्क में हैं और मुझे उम्मीद है कि भारत म्यांमा में लोगों के जीवन और आजीविका के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसके लिए दीर्घकालिक समर्थन की आवश्यकता होगी।’’ उन्होंने आपदा के बाद पुनर्निर्माण में भारत के अनुभव की ओर भी ध्यान दिलाया तथा गुजरात और कश्मीर में भूकंप के बाद सफल पुनर्निर्माण प्रयासों का हवाला दिया। साजिद ने जोर देकर कहा, ‘‘भारत के पास कुछ सर्वोत्तम तरीके हैं जिन्हें वह म्यांमा के साथ भी साझा कर सकता है और ऐतिहासिक संबंधों वाले पड़ोसी देश होने के नाते इसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।’’

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