अयोध्या के भव्य मंदिर में विराजमान रामलला ।
6 माह का प्रशिक्षण पूरा कर चुके अर्चकों को राम मंदिर में पूजा-पाठ की जिम्मेदारी बहुत जल्द मिलने जा रही है। रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट ने इसके लिए नियमावली तैयार कर ली है। इसका पालन करने का वचन देने वाले लोगों को ही राम मंदिर के पुजारी के लिए सेवा का अ
.
पुजारियों को अयोध्या में बेहद योग्य लोगों की टीम की ओर से छह माह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है
चंपत राय के अनुसार नए पुजारियों को इस नियमावली का पालन करना होगा। नियमावली की सबसे खास बात यह है कि पुजारियों को रोटेशन के अनुसार परिसर के सभी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए लगाया जाएगा। राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि पिछले दिनों राम मंदिर में प्रशिक्षित पुजारियों की तैनाती के लिए प्रशिक्षण अभियान चलाया गया था। 20 पुजारियों को अयोध्या में बेहद योग्य लोगों की टीम की ओर से छह माह का प्रशिक्षण दिया गया था।
प्रशिक्षण पूरा करने वाले पुजारियों को प्रमाण पत्र पहले ही दिया जा चुका है। अब इन पुजारियों को राममंदिर समेत परिसर में बन रहे अन्य मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए लगाने पर सहमति बन चुकी है।
सूतक की स्थितियों पुजारी को खुद मंदिर में नहीं आना होगा इसके तहत पुजारी राम मंदिर समेत सभी 20 मंदिरों में रोटेशन के अनुसार पूजा-पाठ करेंगे। अलग-अलग तिथि व शिफ्ट में पुजारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। पूजा-पाठ की जो नियमावली बनाई गई है, उसका सभी को सख्ती से पालन करना होगा। किसी के यहां प्रसव या निधन होने पर उस सूतक की स्थितियों पुजारी को खुद मंदिर में नहीं आना होगा। मतलब यह है कि अपवित्र होने की स्थिति में मंदिर में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा। ड्रेस कोड पर भी विचार चल रहा है।
कमर से नीचे अचला और सर पर पगड़ी अथवा सफा के साथ ही शरीर के ऊपरी हिस्से में चौबंदी पहननी होगी।सर्दी के मौसम में ऊनी वस्त्र भी पहने जा सकेंगे। पूजन के समय मोबाईल रखने पर भी पाबंदी रहेगी। खासकर एंड्रायड फाेन पर पाबंदी रहेगी।बटन वाले परपंरागत फोन आवश्यक होने पर इस्तेमाल किए जा सकेंगे।