वाशिंगटन: ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर संशय के बादल मंडरे रहे हैं। ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वो परमाणु हथियार बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान को एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान अपनी गतिविधियों से बाज नहीं आता है तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेंगे।
‘ईरान के पास नहीं हो सकते परमाणु हथियार’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान पर परमाणु समझौते में जानबूझकर देरी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि तेहरान परमाणु हथियार विकसित करने के बेहद करीब है। ओमान में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात के बाद ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, “ईरान को परमाणु हथियार की अवधारणा से छुटकारा पाना होगा। उनके पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते।”
ट्रंप ने साफ किया रुख
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रतिक्रिया के लिए अमेरिकी विकल्पों में तेहरान की परमाणु सुविधाओं पर सैन्य हमला शामिल है, ट्रंप ने कहा, “बेशक इसमें शामिल है।” उन्होंने कहा कि ईरानियों को कठोर प्रतिक्रिया से बचने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि वो परमाणु हथियार विकसित करने के “काफी करीब” हैं। इस बीच, ईरान ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की अहम भूमिका
इस बीच संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने अलग से पुष्टि की है कि वह इस सप्ताह के अंत में ईरान की यात्रा पर जाएंगे। ईरान की यात्रा के दौरान ग्रॉसी तेहरान के परमाणु कार्यक्रम तक अपने निरीक्षकों की पहुंच में सुधार के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं।
यह भी जानें
बता दें कि, पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और ईरान ने अप्रत्यक्ष वार्ता की थी, लेकिन इसमें कोई खास प्रगति नहीं हुई थी। दोनों सरकारों के बीच अंतिम प्रत्यक्ष वार्ता पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में हुई थी, जिन्होंने 2015 के अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते का नेतृत्व किया था।
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