Breaking News

विश्व हिंदी दिवस पहली बार कब मनाया गया था? जानें इसकी शुरुआत और इतिहास।

भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है। देशभर में 10 जनवरी को धूमधाम से हिंदी दिवस मनाया जाएगा। भारत के अलावा दुनिया के कई अन्य देश भी ऐसे हैं जहां हिंदी भाषी लोग है। भारत में हिंदी इकलौती ऐसी भाषा है जिसे कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और नॉर्थ ईस्ट से लेकर गुजरात तक बोली जाती है। हिंदी उन भाषाओं में से एक है जो दुनियाभर में व्यापक रूप से बोली जाती है। मदारिन और अंग्रेजी के बाद हिंदी तीसरी ऐसी भाषा है जो दुनियाभर में सबसे अधिक बोली जाती है। हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद हिंदी को वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना और इसके प्रचार-प्रसार के लिए जागरुकता पैदा करना है। हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य को पूरे विश्व में फैलाने के उद्देश्य से हर साल हिंदी दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

 

पहली बार कब मनाया गया था विश्व हिंदी दिवस

इस मौके पर अलग-अलग जगहों पर तरह-तरह कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। केंद्र सरकार की तरफ से हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी साहित्य से जुड़े साहित्यकारों को अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बता दें कि भारत के अलावा दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या काफी है। इन देशों में फिलीपींस, मॉरिशस, नेपाल, सूरीनाम, फिजी, तिब्बत, त्रिनिदाद और पाकिस्तान शामिल है। बता दें कि पहली बार विश्व हिंदी दिवस सम्मेलन का आयोजन सन 1974 में महाराष्ट्र के नागपुर में किया गया था। इस कार्यक्रम में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इस वक्त देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था।

विश्व हिंदी दिवस 2025 का थीम

बता दें कि साल 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। वहीं पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा में 10 जनवरी 1949 को हिंदी भाषा का इस्तेमाल किया गया था। बता दें कि हिंदी भाषा को 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देश की अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था। बता दें कि हिंदी देश के अधिकांश भागों में बोली जाने वाली भाषा है। इसलिए हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साल 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राजभाषा बनाने पर जोर दिया था और कहा था कि यह जनमानस की भाषा भी कहा था। बता दें कि राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को और विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। ये दोनों उत्सवों को मनाने के पीछे का उद्देश्य हिंदी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने की है। बता दें कि हर साल विश्व हिंदी दिवस विशेष थीम पर आधारित होती है। साल 2025 में मनाए जाने वाले हिंदी दिवस की थीम ‘हिंदी एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज’ है।

About SFT-ADMIN

Check Also

Mahakumbh: महाकुंभ से उत्तर प्रदेश को कितनी कमाई होगी? CM योगी ने किया बड़ा खुलासा।

Kumbh Mela 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों से जारी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *