गोरखपुर में मौसम तेजी से करवट बदल रहा है। दिन में खिली धूप के बावजूद रात में ठंड बढ़ने लगी है। सोमवार रात न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो पिछले 24 घंटे में करीब 4 डिग्री गिरा।
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पछुआ हवाओं ने ठंड का असर बढ़ा दिया है, जिससे दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर देखा जा रहा है। इसके चलते खांसी, जुकाम और बुखार जैसी मौसमी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं।
तीन दिन में तापमान ने पकड़ी गिरावट शनिवार को जहां न्यूनतम तापमान 18.7 डिग्री सेल्सियस था, वहीं रविवार को यह 17.8 डिग्री और सोमवार को 14 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. कैलाश पांडे का कहना है कि पश्चिमी हवाओं के कारण यह गिरावट जारी है। अगले दो दिन बाद से सताने लगेगी सर्दी।
तारीख | अधिकतम तापमान | न्यूनतम तापमान |
15 नवंबर | 30.2°C | 18.3°C |
16 नवंबर | 29.5°C | 18.7°C |
17 नवंबर | 27.4°C | 17.8°C |
18 नवंबर | 27.1°C | 14.0°C |
दिन और रात के तापमान में बढ़ा फासला सोमवार को अधिकतम तापमान 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन की धूप से मौसम खुशनुमा बना रहा, लेकिन शाम ढलते ही ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया। दिन और रात के तापमान में दोगुना का अंतर होने से लोग बिना गर्म कपड़ों के घर से निकल रहे हैं और शाम को ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
डॉक्टरों की चेतावनी: सतर्क रहें जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि बदलता मौसम स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। बच्चों और बुजुर्गों में सर्दी, खांसी और बुखार के मामले बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि ठंड के कारण धुंध और प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है, जिससे सांस और दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। विशेष रूप से अस्थमा, डायबिटीज और दिल के मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य का रखें ध्यान, इन उपायों को अपनाएं • गुनगुना पानी पिएं और ठंडे पेय पदार्थों से बचें। • गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें, खासकर सुबह और शाम के समय। • बच्चों और बुजुर्गों को ठंडी हवा से बचाएं। • बाहर निकलने पर मुंह और नाक ढककर रखें।
ठंड का असर अभी जारी रहेगा एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले दो-तीन दिनों तक पछुआ हवाओं के कारण ठंड का असर और बढ़ सकता है। ऐसे में लोग दिन में भले ही राहत महसूस करें, लेकिन रात की ठंड स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकती है। सतर्क रहना और बचाव करना ही इस समय का सबसे बड़ा उपाय है।